दिब्य दरस 7:9 - Garhwali9 अर येका बाद मिन भौत सा लोगु तैं देखि, जौं तैं गिणै नि जै सकदु। अर वु अलग-अलग देसों, गोत्रों अर जातियों का छा जु कि अलग-अलग भाषा बुल्दिन। अर ऊंका सफेद कपड़ा पैरयां छा अर अपणा हाथों मा खजूर का फौंकों तैं लेके राजगद्दी अर मेम्ना का समणि खड़ा होयां छा, Faic an caibideilगढवली नयो नियम9 यांका बाद मिल देखि कि लुखुं की एक इथग बड़ी भीड़ छै कि कुई भि ऊं सभियूं तैं नि गिणी सकदो छो। उ दुनिया का हर जाति, गोत्र, राष्ट्र अर भाषा बट्टी छा। उ सिंहासन अर चिनखा का संमणी खड़ा छा। ऊंका सफेद कपड़ा पैरयां छा अर हर एक आदिम को अपड़ा-अपड़ा हथ मा खजूर का फौका पकडयां छा जु कि एक आदर को चिन्ह छो। Faic an caibideil |
अर ऊ एक नयू गीत गाण लगि गैनी ऊंन बोलि कि, “हे हमरा मालिक हे हमरा प्रभु पिता, दस्तावेज तैं लेण का लगीं मोरों तैं खुलण का काबिल छाँ तुम यीशु बलिदान सिरफ तुम होयां। तुमुन ही हरेक गोत्र का, जाति हरेक भाषा का, देस-देस का लोगु तैं, ल्वे से अपणा खरीदी च, तुमुन ही ऊं लोगु तैं बणै एक पुरोहित च, पिता परमेस्वर खुणि राज्य एक बणयूं च राज करला वु सभि, औण वळी धरती मा।”