दिब्य दरस 5:2 - Garhwali2 फिर मिन एक ताकतबर स्वर्गदूत तैं ऊँची आवाज मा इन बुल्दु सुणी कि, “कु च उ, जु यों मोरों तैं खोली सकदु, अर ये लपेट्यां दस्तावेज तैं खोली सकदु च?” Faic an caibideilगढवली नयो नियम2 फिर मिल एक तागतबर स्वर्गदूत तैं देखि जु ऊँचा शब्द मा यु प्रचार करदु छो “ईं किताब (चाम्रपत्र) की मुहरों तैं तुडण या, यु तैं खुलणा का योग्य कु च?” Faic an caibideil |