दिब्य दरस 4:5 - Garhwali5 अर वीं राजगद्दी बटि बिजलियाँ निकळणी छै, अर बड़ी गगड़ाट की आवाज औणी छै। अर वीं राजगद्दी का समणि आग की सात मसाल जगणी छै, जु कि परमेस्वर की सात आत्मा छिन। Faic an caibideilगढवली नयो नियम5 वे सिंहासन मा बट्टी बिजलियां अर गिडगिडांण की आवाज निकलदी अर सिंहासन का संमणी आग का सात दिवडा जलणा छा, जु पिता परमेश्वर की सात आत्माएँ छिनी, Faic an caibideil |