दिब्य दरस 18:2 - Garhwali2 अर वेन ऊँची आवाज मा चिल्लै के बोलि, “पतन ह्वे गै, पतन ह्वे गै, वीं वेश्या को पतन ह्वे गै जु कि बड़ु नगर बेबीलोन च, वु त खबेसों को घौर, अर हरेक किसम की अशुद्ध अर गन्दा पंछियों को घोल च, अर हरेक अशुद्ध अर घिण औणा वळा जानबर को उड़्यार बणि गै। Faic an caibideilगढवली नयो नियम2 वेका बड़ा शब्द ल पुकारी के बोलि, “लमडी गै, बड़ो बाबेल लमडी गै। आज हर किस्म की दुष्टात्माएँ उख रौंणु कु चलि जाली अर यु अशुद्ध जानवर अर घृणित चलखुडोंं को घोल बनणै की जगह बण गै। Faic an caibideil |