फिलिप्पी 4:1 - Garhwali1 हे मेरा प्यारा भै-बैंणो, मेरु मन तुम लोगु से मिलण को भौत करदु, किलैकि मि तुम से भौत प्यार करदु। अर मि तुम से बिन्ती करदु कि तुम प्रभु का पिछनै इन्नि चलणा रा अर यां मा ही मेरी खुशी च, किलैकि तुम लोग मि खुणि एक मुकुट का रुप मा इनाम छाँ। Faic an caibideilगढवली नयो नियम1 मेरा प्रिय विश्वासी भयों जौं बट्टी मि प्रेम करदु, मि तैं तुम लुखुं बट्टी मिलणै की भौत इच्छा च, जु मेरू आनन्द अर मुकुट हो, हे विश्वासी प्रिय भयों, प्रभु मा इन ही कै विश्वास मा मजबूत बंणयां रावा। Faic an caibideil |
बस ईं बात को ध्यान रखा कि तुमरो चाल-चलन यीशु मसीह का शुभ समाचार का मुताबिक हो। अर अब चै मि तुम बटि ऐके मिलु या तुम से दूर रौ, मि तुमरा बारा मा बस इन्नि सुनण चान्दु कि तुम सभ्या का सभि एक ही दिल-दिमाग का ह्वे ग्यां। अर एक मन ह्वेके शुभ समाचार पर रख्यां बिस्वास तैं और जादा मजबूत करणु खुणि कड़ी मेनत कना छाँ।
अर तुमुन इपफ्रुदीतुस भै का बारा मा सुणी कि वु भौत बिमारि च। हाँ, या बात सच्चि च कि उ भौत बिमार ह्वे गै छौ, इख तक कि उ मुरण वळु छौ, मगर पिता परमेस्वर न वे पर दया कैरी, बस वे पर ही ना बल्किन मा मि पर भि ताकि मितैं और भि जादा दुख नि झिलण पोड़ो। अर अब इपफ्रुदीतुस भै तुम से मिलणु खुणि भौत बेचेन च अर तरसणु च।