फिलिप्पी 3:1 - Garhwali1 इलै हे मेरा भै-बैंणो, प्रभु मा आनन्दित रा। मितैं ऊं बातों तैं दुबरा लिखण मा कुई परेसानी नि होन्दी, किलैकि यों सब बातों से तुमरि ही हिफाजत होन्दी। Faic an caibideilगढवली नयो नियम1 इलै हे मेरा विश्वासी भयों, प्रभु मा खुश रावा। एक ही बात तुम तैं बार-बार लिखण मा मि तैं कुई कष्ट नि हूंदो, मेरा द्वारा यूं बातों तैं दोहरांण तुम्हरी मदद करलो कि तुम भटकी नि जावा। Faic an caibideil |
हे मेरा भै-बैंणो, अब मि आखिरी मा तुमकु इन बोन्न चान्दु कि तुम खुश रा, अर अपणा-अपणा चाल-चलन मा हरेक दिन सुधार ला, अर जु-जु काम करणु कू मिन तुमकु बोलि ऊंतैं पूरु कैरा। अर एक-दुसरे की बात तैं स्वीकार कैरा अर एकजुट ह्वेके रा, अर एक-दुसरा का दगड़ा मा शान्ति से रा। अर पिता परमेस्वर तुमतै एक-दुसरा का दगड़ा प्यार करण मा, अर शान्ति से जीवन जीण मा पूरि मदद करलु।
इलै हे मेरा भै-बैंणो, कुछ और बात भि छिन जु की सच्चि अर सोच-विचार करण का लैख छिन, अर यू वु बात छिन जु कि साफ अर पवित्र छिन अर यों बातों बटि प्यार किये जान्दु, अर यू खुश कैर देण वळी छिन, अर यों मा हरेक किसम का गुण पये जनदिन, अर यों बातों की तारीफ किये जान्दी, अर यू वु बात छिन जौं पर लगातार तुमतै अपणु ध्यान लगौण चयेणु।