फिलिप्पी 1:20 - Garhwali20 अर मेरी पूरि आस अर इच्छा या च, कि मि वचन तैं फैलाण मा कै भि तरीके से नि सरमौ। अर मितैं इन भि बिस्वास च, कि मेरा जीवन का द्वारा यीशु मसीह तैं पूरु आदर-सम्मान हमेसा मिलणु रौ, अब चै मि ज्यून्दु रौ या मोरि जौ। Faic an caibideilगढवली नयो नियम20 किलैकि मेरा मन कि मनसा अर आस या च कि मेरी कैं भि बात मा बेजती नि हो। पर मि तैं मसीह का बार मा बुल्ण की हिम्मत हो, जन कि मिल पैली बगत मा कैरी छो। चै मि ज्यूँदो रौं या फिर मोरि जौं, मि अपड़ा पूरा जीवन बट्टी मसीह कु सम्मान कनु रौलु। Faic an caibideil |
इलै हे मेरा प्यारा भै-बैंणो, जब बटि पिता परमेस्वर न अपणी बड़ी दया तुम पर कैरी, अर मि तुम से बिन्ती करदु, कि तुम सभ्या का सभि भलै का कामों खुणि अपणा-अपणा जीवनों तैं एक बलिदान का रुप मा वे खुणि चड़ै द्या, अर वेकी महान सेवा खुणि खुद तैं दे द्या। अर या ही बात तुम खुणि सच्चि पूजा का जन च ज्वा की तुमतै करण चयेणी।
अर पिता परमेस्वर की बात तुमरा समझ से भैर छिन, इलै मि तुमतै या बात बतौण चान्दु, कि पैलि तुमुन खुद तैं ईं दुनियां का गळत कामों अर वेका विचारों खुणि खुद तैं वेका सुपुर्द कैरिके रख्युं छौ इलै तुम वेका गुलाम बणि गै छा। मगर अब मि तुम से बिन्ती करदु कि तुम परमेस्वर की सच्चै खुणि खुद तैं वेका सुपुर्द कैरी द्या, ताकि तुम वेका सेवक बणि के पवित्र लोग बणि सैका।
इलै एक पति हमेसा इन सोचदु कि कनकै पिता परमेस्वर तैं खुश किये जौ, अर कनकै घरवळी तैं खुश किये जौ। अर ठिक इन्नि एक अणविवाक नौनि सिरफ पिता परमेस्वर का काम का बारा मा सोचदी, कि वा कनकै पिता परमेस्वर तैं खुश कैरो, अर वा खुद तैं पिता परमेस्वर का सुपुर्द कैरी देन्दी, अर इन वा इलै करदी ताकि वींको बदन अर आत्मा दुई पवित्र रा। मगर जिं जनानि को ब्यौ होयुं रौन्दु, वा अपणा परिवार अर अपणा कामों की चिन्ता मा ही रौन्दी, ताकि वा कनि ना कनकै अपणा पति तैं खुश रखो।