2 तीमुथियुस 2:25 - Garhwali25-26 अर जु लोग तुमरि शिक्षा को विरोध करदिन, इन्द्रया लोगु तैं तुमतै नमर बणि के सिखौण वळु होण चयेणु, किलैकि विरोध करण वळा यू लोग शैतान की इच्छा तैं पूरि करणु खुणि वेका जाल मा फंस्यां छिन। अर यों लोगु तैं ईं उम्मीद का दगड़ा मा सिखौ, कि क्या पता परमेस्वर यों तैं भि पस्ताप करण को मन दे द्यो, ताकि यू भि सच्चै का ज्ञान तैं समझि जा अर चौकस ह्वेके शैतान का जाल बटि छुटी जा। Faic an caibideilगढवली नयो नियम25 उ विरोधियों तैं नम्रता से समझौ, क्य पता पिता परमेश्वर ऊं तैं पश्चताप कनु को मन द्यो, कि उ भि मसीह का बारा मा सचै तैं जनण को मौका दे। Faic an caibideil |
अर यू मि इलै बोन्नु छौं किलैकि यूहन्ना बपतिस्मा देण वळु यू बतौणु खुणि ऐ कि मनखि तैं कनकै धरमी जीवन जीण चयेणु, अर तुम लोगु न वेकी बातों पर बिस्वास नि कैरी, पर चुंगी लेण वळो न अर वेश्याओं का जन दुसरा पापि लोगु न वेकी बातों पर बिस्वास कैरी। अर यू दिखण का बाद भि तुम लोगु न मन से पस्ताप नि कैरी, अर ना ही वेकी बातों पर बिस्वास कैरी।”
अर अगर तुम मा बटि कुई कै भै या बैंण तैं इन पाप करद देखो, जु की वेतैं परमेस्वर बटि हमेसा खुणि दूर नि करदु, त तुमतै वे खुणि प्रार्थना करण चयेणी। अर परमेस्वर वेतैं जीवन द्यालु, जैन इन पाप नि कैरी जैकी वजै से उ मनखि परमेस्वर से दूर ह्वे जौ। मगर कुछ पाप इन्द्रया भि छिन जु कि ऊंतैं परमेस्वर बटि हमेसा खुणि दूर कैरी देन्दिन, अर इन्दरि बातों का बारा मा प्रार्थना करणु खुणि मि नि बुल्दु।