2 यूहन्ना 1:1 - Garhwali1 हे मेरी प्यारी बैंण, मि यूहन्ना जु की एक अध्यक्ष छौं, मि या चिठ्ठी त्वे खुणि अर तेरा बच्चों खुणि लिखणु छौ, तुम जु कि पिता परमेस्वर का द्वारा चुण्यां छा मि तुम से भौत प्यार करदु। अर केवल मि ही ना, बल्किन मा वु सब त्वेसे प्यार करदिन जु कि सच्चै तैं जणदिन। Faic an caibideilगढवली नयो नियम1 मि यूहन्ना, मंडलि का पुरणा अगुवा यु चिठ्ठी वीं जनन अर वीं का नौंना कु लिखणु छो, जै तैं पिता परमेश्वर ल चुणि। मि सच मा तुम बट्टी प्रेम रखदु छो, अर भस मि ही न; बल्कि उ सब भि तुम बट्टी प्रेम रखद, जु पिता परमेश्वर की सचै पर विश्वास रखदा छिनी। Faic an caibideil |
पर जब मिन देखि कि उ शुभ समाचार की सच्चै का मुताबिक सीदी चाल नि चलणा छिन, त मिन सभ्यों का समणि पतरस कू बोलि, “पतरस, जब तू एक यहूदी जाति को होण का बाद भि ऊंकी तरौं जीवन जीणी छैई, जु यहूदी जाति का नि छिन। त फिर तू ऊं लोगु तैं यहूदी रीति-रिवाजों का मुताबिक चलणु खुणि किलै मजबूर कनि छैई, जु यहूदी जाति का नि छिन?
पिता परमेस्वर न तुमतै अपणी पैलि बटि बणईं योजना का मुताबिक अपणी औलाद होणु खुणि चुण्यालि छौ। अर वेन अपणु पवित्र आत्मा तुमतै देई, ताकि तुम लोग यीशु मसीह की आज्ञा को पालन कैरी सैका, अर क्रूस पर यीशु मसीह की मौत का बगत जु ल्वे बोगि, वेका द्वारा ही वेन तुमतै शुद्ध कैरी। अर मि तुम सभ्यों खुणि इन प्रार्थना करदु, कि वेकी किरपा अर शान्ति तुमतै भरपूरी से मिलदी रौ। आमीन।