1 तीमुथियुस 4:7 - Garhwali7 पर तू झूठ्ठा उपदेस देण वळो बटि अर फालतु की मनगणत कथा से दूर रै, पर परमेस्वर की भक्ति करण की आदत डाल दे। Faic an caibideilगढवली नयो नियम7 पर बूढ-बुढ्यों कि बंणि-बणई कथाओं मा अपड़ो बगत खराब नि कर, वां बट्टी अलग रौ अर पिता परमेश्वर की भक्ति कैर। Faic an caibideil |
अर हम यू भि जणद्यां, कि परमेस्वर का नियम-कानून धरमी लोगु खुणि नि दिये गैनी, पर ऊं लोगु खुणि दिये गैनी जु लोग नियम-कानूनों तैं नि मणदिन, अर अधिकारी लोगु की बात नि मणदिन, परमेस्वर को आदर-सम्मान नि करदिन, पाप करदिन, दुष्ट जीवन जीण वळा छिन, अर परमेस्वर की बातों तैं नि मणदिन, अर ब्वे-बबों तैं जान से मरण वळा, अर हत्या भि करदिन।
हम जु बिस्वास करद्यां वेकी सच्चै भौत गम्भीर च अर ईं बात मा कुई भि सक नि च। किलैकि या बात सच्च च कि, यीशु मसीह न मनखि का रुप मा जनम ले, अर उ पवित्र आत्मा का द्वारा धरमी ठैरै गै, अर स्वर्गदूतों तैं दिखै, अर हर जगा वेको परचार किये गै। तब ईं दुनियां का लोगु न वे पर बिस्वास कैरी, अर बड़ा आदर-सम्मान का दगड़ा मा उ स्वर्ग मा उठये गै।