1 थिस्सलुनीकी 4:4 - Garhwali4 इलै तुम सब अपणा सरील की यों इच्छाओं तैं अपणा वश मा रखण सीखा, अर पवित्र जीवन ज्यऽ, ज्यां से कि लोग तुमरा जीवन तैं देखि के तुमरो आदर-सम्मान कैरा। Faic an caibideilगढवली नयो नियम4 “तुम मा बट्टी हरेक आदिम धीरज रखि के अपड़ा देह पर भस रखण सीखा अर मसीह को समान कैरो।” Faic an caibideil |
इलै हे मेरा प्यारा भै-बैंणो, जब बटि पिता परमेस्वर न अपणी बड़ी दया तुम पर कैरी, अर मि तुम से बिन्ती करदु, कि तुम सभ्या का सभि भलै का कामों खुणि अपणा-अपणा जीवनों तैं एक बलिदान का रुप मा वे खुणि चड़ै द्या, अर वेकी महान सेवा खुणि खुद तैं दे द्या। अर या ही बात तुम खुणि सच्चि पूजा का जन च ज्वा की तुमतै करण चयेणी।
अर पिता परमेस्वर की बात तुमरा समझ से भैर छिन, इलै मि तुमतै या बात बतौण चान्दु, कि पैलि तुमुन खुद तैं ईं दुनियां का गळत कामों अर वेका विचारों खुणि खुद तैं वेका सुपुर्द कैरिके रख्युं छौ इलै तुम वेका गुलाम बणि गै छा। मगर अब मि तुम से बिन्ती करदु कि तुम परमेस्वर की सच्चै खुणि खुद तैं वेका सुपुर्द कैरी द्या, ताकि तुम वेका सेवक बणि के पवित्र लोग बणि सैका।
इलै हे मेरा भै-बैंणो, कुछ और बात भि छिन जु की सच्चि अर सोच-विचार करण का लैख छिन, अर यू वु बात छिन जु कि साफ अर पवित्र छिन अर यों बातों बटि प्यार किये जान्दु, अर यू खुश कैर देण वळी छिन, अर यों मा हरेक किसम का गुण पये जनदिन, अर यों बातों की तारीफ किये जान्दी, अर यू वु बात छिन जौं पर लगातार तुमतै अपणु ध्यान लगौण चयेणु।
हे मेरा भैयों, ठिक इन्नि तुम लोग भि अपणी-अपणी घरवळी का दगड़ा मा बड़ी समझदारी से अपणु जीवन ज्या। अर भले ही वा ताकत मा तुम से थुड़ी कमजोर ह्वे सकदी, मगर तुम वींतैं पूरु आदर-सम्मान द्या, अर ईं बात तैं समझि ल्या, कि पिता परमेस्वर न अपणी किरपा का द्वारा तुम दुईयों तैं वारिस होणु खुणि बुलयूं च। अर इन कैरिके तुमरि प्रार्थनाओं मा कुई रुकावट नि आली।