1 पतरस 4:1 - Garhwali1 अर हम जणदा छाँ, कि यीशु मसीह न अपणा सरील मा दुख तैं झेली, इलै हमतै भि वेका जन ही विचार रखण चयेणा, अर हरेक दुख तैं झिलणु खुणि तयार रौण चयेणु, किलैकि जैन शरीर मा दुख झेली उ पाप करण छोड़ि देन्दु। Faic an caibideilगढवली नयो नियम1 इलै, जब मसीह ल अपड़ा देह मा रै के दुःख सै, इलै तुम तैं भि वीं ही स्वभाव का दगड़ी दुःख सौणु कु तैयार रौंण चयणु च जु वेमा च। किलैकि जु तुम मसीह कु दुःख सौणु कु तैयार छा किलैकि तुम मसीह का छा, त तुम ल पाप नि कनु को फैसला कैरेले। Faic an caibideil |
हे मेरा भै-बैंणो, यीशु मसीह जु कि एक धरमी मनखि छौ, वेन सब अधरमी लोगु का पापों का खातिर एक बार ही दुख उठे। अर यू सब वेन इलै कैरी, ताकि उ तुम लोगु तैं पिता परमेस्वर का नजदीक लेके ऐ सैको। हालांकि, यीशु का सरील तैं नास किये गै, मगर वे बगत मा वेन कैद होईं आत्माओं का बीच मा भि जैके परचार कैरी। अर पिता परमेस्वर न अपणी आत्मा की ताकत से यीशु तैं मुरदो मा बटि ज्यून्द कैरी।