9 अहै जाणदै हिन कि व्यवस्था तिन्या मणु तांई निआं जैड़ै सही कम करदै हिन पर अधर्मी, निरकुशों, भक्तिहीनां, पापी, अपवित्र जो अशुद्ध, माँ-बुड़ै जो मारनै बाळै, हत्यारै।
प्रमात्मैं री व्यवस्था ठेरैतांये दिती गई कि मणु जो पता लगा कि सो कैतनै पापी हिन, पर जियां मणु रा पाप बददा गो तियां ही प्रमात्मैं री अनुग्रह तैत थऊँ भी ज्यादा बददा गो,
फिरी व्यवस्था कजो दिती? सो वायदै रै बाद दिती गई थी ताकि मणु जो तंयारै पापा रा पता लगी सका पर व्यवस्था तैहणै तक बणी रैहणै जो बणाई गई जैहणै तक सो वायदा करूरा बच्चा ना इन्दा। प्रमात्मैं ऐह व्यवस्था स्वर्गदूता रै द्धारा मूसा जो दितुरी थी जैड़ा मणु अतै प्रमात्मैं रै मन्जै मध्यस्थ थू।
डाह, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा अतै ऐत सांईयै होर भी कम हिन, ठेरै बारै मन्ज अऊँ फिरी चेतावनी दिन्दा अतै जिंआं पैहलै भी मैंई चेतावनी दितुरी हा कि ऐसै कम करनै बाळै प्रमात्मैं रै राज्य रै हक्कदार ना भूणै।
ऐसै मणु बल्दै हिन कि अहै प्रमात्मैं जो जाणदै हिन पर तंयारै कम्मा थऊँ पता लगदा कि सो प्रमात्मैं जो ना जाणदै क्ओकि सो घृणित अतै आज्ञा जो ना मनणै बाळै हिन अतै कोई खरा कम ना करी पान्दै।
इन्या ना भोआ, कि कोई भी मणु पापी भोआ या दुष्ट एसाव सांईं अधर्मी भोआ। तिनी अक्की बरी रै खाणै पिचो अपणै पहलौठै भूणै रै पद जो अपणै हल्कै भाई जो बेची दिता।