बो मनदर परमेसर की मेमा अर सक्ति का धुँआऊँ भरेड़ो हो। अर जद ताँई बे सात ईस्बर नगरी दुत बा सात म्हामार्यानै पूरी होबा ताँई कोनी भेजी बि मनदर म कोई कोनी बड़ सक्यो।
बिकै पाछै एक ओर ईस्बर नगरी दुत सोना को धूपदान लेर आयो अर बेदी कनै खड़्यो होगो। बिनै परमेसर का मिनखा की अरदास क सागै सोना की बेदी प जखो सिंघासन क सामै ही, चढाबा ताँई बोळीसारकी धूप दि गई ही।