3 अर जद बो उन्यो दुसरी म्होर की चेपी खोली जणा म दुसरा जीवता पराणीनै बोलता सुण्यो, “आ।”
जणा बे जार कबर प लगाईड़ा भाठा प छाप लगा दिनी अर पेरो देबा ताँई सिपाईड़ानै बठैई बिठा दिआ जिऊँ बे बिकी निगा राख सकै।
पेलो जीवतो पराणी नार की जंय्यां, दुसरो जीवतो पराणी बळद की जंय्यां, तीसरा जीवता पराणी को मुंडो मिनख की जंय्यां हो, अर चोथो जीवतो पराणी उडता बाज की जंय्यां हो।
म देख्यो क बो उन्यो बा सात म्होरा मऊँ पेली म्होर की चेपी खोली। जणा म बा च्यार जीवता पराण्या मऊँ एकनै बादळा की गरजबा की उवाज म आ बोलता सुण्यो, “आ।”
जद बो उन्यो सातवी म्होर की चेपी खोली, जणा आदा घंटा ताँई ईस्बर नगरी म सुनसट होगी।