दरसाव 4:8 - जीवन को च्यानणो (सेकावाटी नया नियम की पोथ्या)8 बा च्यारू जीवता पराण्या क छ: छ: पंख हा बाकै च्यारूमेर आँख्याई आँख्या ही, अठै ताँई बाकै पांखड़ा क तळै बी आँख्या ही अर बे रात-दिन एकई बात बोलता रेह्ता हा, “‘सऊँ सक्तिसाली परबु परमेसर पबितर, पबितर, पबितर ह,’ जखो हो, जखो ह, जखो आबाळो ह।” Faic an caibideil |
म यहून्ना, एसिया परदेस की सात्यु बिस्वासी मंडळ्यानै मांडू हूँ , परमेसर जखो ह, हो अर आबाळो ह बिकै कानिऊँ, अर सात्यु आत्मा जखी बिकै सिंघासन क सामै ह बाकै कानिऊँ, अर बिस्वास जोगो गुवा, अर मरेड़ा मऊँ जीबाळो पेलो अर इ धरती का राजा प राज करबाळा ईसु मसी कानिऊँ थार प दया अर सुक-स्यांती होती रेह्वै। बो आपणाऊँ परेम करै ह अर आपका लोयऊँ आपानै आपणा पापऊँ सुद करबा ताँई मर्यो ,