बा सगळानै धोळा चोळा पिराया गया हा अर ओडायो गयो हो क, “क्युंक घड़ी ओर उडिको जद ताँई क थारा साती-संगी अर थारा भाईड़ा की गिणती पूरी नइ होज्यावै जानै बंय्यांई मार्यो जासी जंय्यां थानै मार्यो गयो हो।”
इकै पाछै म देख्यो क मेरै सामै मिनखा की बोळी बडी भीड़ ही जिनै कोईबी कोनी गिण सकतो हो, बि भीड़ म सगळा कूणबा का मिनख, देस, बोली, अर हर दिसावर का मिनख हा , जखा बि सिंघासन अर उन्या क सामै खड़्या हा। बे धोळा गाबा पेरमाल्या हा अर हाता म खजूर की डाळ्यां ले राख्या हा।