11 म तावळोई आबाळो हूँ। इ ताँई जोक्यु बी तेरै कनै ह बिनै थाम्यो राख जिऊँ कोई तेरो अजर-अमर जीवन को मुकट कोनी खोस सकै।
बो मिनख भागहाळो ह जखो बिचास्या जाबा की घड़ी म डट्यो रेह्वै ह, क्युं क बिनै बिचास्या जाबा क पाछैई खरो मिनख बणार जीवन को मुकट मिलसी, जिनै परबु आपका परेम करबाळानै देबा को बादो कर राख्यो ह।
ईसु सगळा मिनखाऊँ बोलै ह, “सुणो, म तावळोई आऊँ हूँ। अर सागै थारा करमा गेल थारै ताँई फळ ल्याऊँ हूँ।
जखा दुख तनै भोगणा ह बाऊँ मना डर। क्युं क सेतान थारै मऊँ कयानै बिचासबा ताँई काळ-कोठड़ी म गेरसी अर थानै बठै दस दिना ताँई सताव भोगणो पड़सी। पण तू बिस्वास जोगो रेह्जे चाए तनै मोतई क्युं नइ आज्यावै। जणा म तनै तेरी जीत क रूप म अजर-अमर जीवन को मुकट देस्युँ।
पण मेरी सीख जखी थारै कनै ह बिपै चालता रह्यो।’
अर इब ईस्बर नगरी म जीत को इनाम मनै उडिकर्यो ह, जिनै धरमी न्यायी परबु आखरी दिन मनै देसी। मनै एकलानैई नइ पण बा सगळानै बी जखा परेम क सागै बिकै परगट होबानै उडिकीं हीं।
अर अंय्यांई कुस्ति को पेलवान बिना नेम-कायदा गेल दाव-पेचऊँ लड़ै जणा बो इनाम कोनी जीत सकै।
ईसु जखो आ बाता को गुवा ह बो खेवै ह, “हाँ, म तावळोई आऊँ हूँ।” अंय्यांई होवै। ओ परबु ईसु, आ।
भागहाळो ह जखो परमेसर क कानिऊँ आएड़ा इ समचारनै बाचै अर भागहाळा हीं बे जखा इ पोथी म मांडेड़ी बातानै सुणै अर मानै क्युं क बो टेम सांकड़ैई ह जद अ बाता पूरी होसी।
बे चोबिस बडका, जखो सिंघासन प बेठ्यो हो अर जखो अमर ह बिका पगा म धोक खार्या हा। बे सिंघासन क सामै आपका ताज उतार बोलर्या हा,
अर थे जाणो हो क खेल-कूद म भाग लेबाळा सगळा खिलाड़ी सगळी बाता प खराईऊँ चाली हीं। अर बे तो नास होबाळा मुकटनै पाबा ताँई अंय्यां करै ह, पण आपा बि मुकट ताँई कर्या हां जखो कदैई नास कोनी होबा को।
इ ताँई, जि सीखनै थे सुण्या हा बानै याद करो अर तौबा करो अर बि सीख क गेल चालो। अर ज तू अंय्यां कोनी करसी जणा म चोर की जंय्यां चाणचुक तेरै कनै आज्यास्युं अर तनै बेरो कोनी पड़बा देस्युँ।
बि सिंघासन क च्यारूमेर चोबिस सिंघासन ओर हा, बाकै उपर चोबिस बडका बेठ्या हा। बे धोळा गाबा पेर राख्या हा अर बाका माथा प सोना का ताज हा।
म जाणू हूँ क, तू बठै रेह्वै ह जठै सेतान को सिंघासन ह। इकै वावजुद बी तू मेरै नाम प सचो बिस्वास करै ह। तेरी नगरी म सेतान को सिंघासन ह जठै मेरा बिस्वास जोगा दास अन्तिपासनै मार्यो गयो जणाबी तू मेर प बिस्वास करबो कोनी छोड्यो।
ईसु कह्यो, “सुणो! म तावळोई आऊँ हूँ। भागहाळा ह बे जखा इ पोथी म मांडेड़ा बचनानै जखा आबाळा टेम म पूरा होबाळा हीं बानै मानी हीं।”
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, एक दुसरा प मना बलडाओ जिऊँ थारो न्याय नइ होवै। देखो न्याय करबाळो थळी पई खड़्यो ह।
सगळा ताँई नरमाई को भेवार राखो। क्युं क परबु बेगोई ओज्यु आर्यो ह।
“चेता म रेह्वो, क्युं क म चोर की जंय्यां चाणचुक आऊँ हूँ! भागहाळा हीं बे जखा जागता रेह्वै ह, अर आपका गाबानै समाळै ह, जिऊँ बे सरमा नइ मरै।”