जिकै कान ह बे बानै खोल ले क, पबितर आत्मा बिस्वासी मंडळ्याऊँ काँई बोलै ह। जखो बी बुराईऊँ जीतसी म बिनै जीवन का दरख्त को फळ खाबा को हक देस्युँ जखो परमेसर का बाग म ह।
बे मिनख भागहाळा अर पबितर ह जखा पेला मर्या पाछै ओज्यु जिंदा होबा का भागी होसी। आ मिनखा प दुसरी मोत को कोई बस कोनी। पण अ मिनख परमेसर अर मसी का याजक होसी अर बिकै सागै एक हझार बरस ताँई राज करसी।
पण डरपोक, परमेसर म बिस्वास नइ करबाळा, भरस्ट, हत्यारा, कुकरमी, जादू-टोणा करबाळा, मूरती धोकबाळा अर झूठा मिनखानै तिजाब हाळा नरक का भबकती आग का कूंड म गेर्यो जासी। आई दुसरी मोत ह।”
जखो जीतै ह बिनै म मेरा परमेसर को पबितर तम्मू को खम्बो बणास्युं। अर बिकै पाछै बे कदैई बारनै कोनी जासी। म बिकै उपर मेरा परमेसर को नाम, नई नगरी यरूसलेम जखी परमेसर की ईस्बर नगरीऊँ उतरबाळी ह बिको नाम अर मेरो नयो नाम मांडस्युं।