आसमान बाकै बस म होसी जिऊँ जत्ता दिन बे परमेसर की बाता को हेलो पाड़ै बता दिन बरसात कोनी बरससी। पाणी प बी बाको बस चालसी जिऊँ बे पाणीनै लोय म बदल दे, अर बे जद चावै इ धरती प म्हामारी ल्या सकीं हीं।
जणा म समदर क मांयनैऊँ एक खुखार ज्यानबरनै बारनै निकळता देख्यो। बिकै दस तो सींग अर सात सीर हा। अर बिकै सींगा प दस ताज हा। बिका हरेक माथा प परमेसर की बुराई करबाळा नाम मंडर्या हा।