4 ओ परबु, बस थेई पबितर हो! देस-देस का मिनख थारै कनै आसी अर थारी जे-जैकार करसी। सगळा थारूँ डरसी अर थारो मान करसी, क्युं क थारी धारमिक्ता परगट होई ह।”
जिऊँ गैर-यहूदि मिनख बी परमेसरनै बिकी दया ताँई मेमा देवै, जंय्यां क पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह, “इ ताँई म गैर-यहूदि मिनखा म तेरी बडाई करस्युं, म बाकै बिच तेरा नाम को गुणगान गास्युं।”
क्युं क पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह, “थे पबितर बणो, क्युं क म पबितर हूँ।”
सातुओ ईस्बर नगरी दुत जद तूताड़ी फूंकी जणा ईस्बर नगरीऊँ जोरको हेलो आयो, “इब इ धरती प परबु अर बिका मसी को राज ह, अर बो जुग-जुग ताँई राज करसी।”
बो जोरऊँ बोलर्यो हो, “परमेसरऊँ डरो अर बिकी जे-जैकार करो, क्युं क बिकी न्याय करबा की घड़ी आगी ह। बिकी जेजैकार करो जखो आसमान अर धरती, समदर अर पाणी का कूंडानै बणायो ह।”
जणा म पाणी प अधिकार राखबाळा ईस्बर नगरी दुतनै ओ बोलता सुण्यो, “ओ पबितर, थे सई न्याय करो हो। थे हा अर हो,
बिकै पाछै म बेदीऊँ उवाज सुण्यो, “ओ परबु परमेसर थे सऊँ सक्तिसाली हो। थारो न्याय सचो अर सई ह।”
बाको न्याय सदाई सचो ह, क्युं क बे बि बेस्या को न्याय कर्या हीं, जखी धरती का मिनखानै कुकरम करवाती, अर बानै बिगाड़ती ही, अर बो बिऊँ आपका दासा का लोय को बदलो लिओ ह।”
बडिया, उजळो अर साप मलमल, बिनै पेरबानै दिओ गयो ह।” ओ मलमल परमेसर का मिनखा का धरम का कामानै दिखावै।
“फिलीदिलफिआ की बिस्वासी मंडळी का मुखियानै मांड। अ बाता बिकै कानिऊँ ह जखो पबितर अर सचो ह अर जिकै कनै दाऊद राजा की नगरी की ताळी ह। अर बो जि दरूजानै खोलै ह बिनै कोईबी कोनी जुड़ सकै अर जिनै बो जुड़ै ह बिनै कोईबी खोल कोनी सकै।
बा च्यारू जीवता पराण्या क छ: छ: पंख हा बाकै च्यारूमेर आँख्याई आँख्या ही, अठै ताँई बाकै पांखड़ा क तळै बी आँख्या ही अर बे रात-दिन एकई बात बोलता रेह्ता हा, “‘सऊँ सक्तिसाली परबु परमेसर पबितर, पबितर, पबितर ह,’ जखो हो, जखो ह, जखो आबाळो ह।”
बे जोर-जोरऊँ हेलो पाड़र्या हा, “ओ पबितर अर सचा परबु, थे कद न्याय करस्यो? इ धरती का मिनखा को न्याय अर जखा म्हानै मार्या हा बानै कद सजा देस्यो?”