9 धरती का सगळा देसा का मिनखा मऊँ, सगळी बोली बोलबाळा मऊँ अर सगळा कूणबा का मिनखा मऊँ क्युंक मिनख बाकी लासनै साडे तीन दिना ताँई देखसी पण बे बाकी लासनै कबर म कोनी धरबा देसी।
क्युं क थारो बी फेसलो बंय्यांई कर्यो जासी, जंय्यां थे न्याय करबाळी टेम दुसरा मिनखा क सागै करो हो। अर जि नापऊँ थे दुसरा ताँई नापो हो बि नापऊँई थारै ताँई बी नाप्यो ज्यासी।
जणा मेरूँ बोल्यो गयो, “तनै परमेसर को समचार सगळा देसानै, सगळा राजानै, सगळी बोली बोलबाळा मिनखानै सुणाणो ह।”
पण साडे तीन दिना क पाछै, परमेसर बामै ओज्यु पिराण गेर देसी, जिऊँ बे उठ खड़्या होज्यासी, अर जखा मिनख बानै देखसी बे बोळा डरज्यासी।
बिनै ओ अधिकार दिओ गयो क बो परमेसर का मिनखाऊँ लड़र जीतै। अर बिनै धरती का सगळा कूणबा प, मिनखा प, सगळी बोली बोलबाळा प, अर सगळा देसा प अधिकार दिओ गयो हो।
बो ईस्बर नगरी दुत मेरूँ ओज्यु बोल्यो, “तू जखी नद्या देखी ही जाकै किनारै बा सऊँ बडी बेस्या बेठी ही, बे नद्या सगळा कूणबा का मिनखानै, सगळी बोली बोलबाळानै, देस-देस का मिनखानै, सगळा देसानै दिखावै ह।
अर जद बो बि कागदनै ले लिओ जणा बे च्यारू जीवता पराणी अर बे चोबिस बडका बि उन्या क धोक खाई। बा सगळा क कनै विणा ही अर बे सुगंद देबाळी चिजाऊँ भरेड़ा सोना का प्याला ले राख्या हा, अ परमेसर का मिनखा की अरदासनै दिखावै ह।
बे एक नयो गीत गार्या हा, “तूई, इ कागदनै अर इपै लगाईड़ी म्होरा की चेपीनै, खोलबा जोगो ह, क्युं क तू बलि होयो, थारा लोयऊँ, सगळा कूणबा का मिनखानै, सगळी बोली बोलबाळानै, देस-देस का मिनखानै परमेसर ताँई मोल लिआ हो।