3 भागहाळो ह जखो परमेसर क कानिऊँ आएड़ा इ समचारनै बाचै अर भागहाळा हीं बे जखा इ पोथी म मांडेड़ी बातानै सुणै अर मानै क्युं क बो टेम सांकड़ैई ह जद अ बाता पूरी होसी।
“इ ताँई थे उजाड़बाळी सूगली चिजानै जठै नइ होणी चाए ही बठै देखो जिकै बारां म परमेसर की खेबाळो दानिअल बतायो हो। बाचबाळो आ बातानै हळकी नइ ले।
पण ईसु बोल्यो, “इऊँ बी बडा भागहाळा तो बे हीं जखा परमेसर का बचनानै सुणी अर बिपै चालीं हीं।”
आज का टेमनै देखता अंय्यां कर, थे जाणो हो क निंदऊँ जागबा की घड़ी आगी ह। क्युं क इब आपणो छुटकारो बि टेमऊँ सांकड़ैई ह जद आपा बिस्वास कर्यो हो।
रात ढळबाळी ह, अर दिन उगबाळो ह। अँधेरा का काम करबो छोडो अर उजाळा का हतियार उठाल्यो।
बा घड़ी सांकड़ैई ह जद सक्यु नास होज्यासी। इ ताँई स्याणा बणो अर खुदनै बस म राखो जिऊँ थानै अरदास करबा म मदद मिलै।
पण मेरा लाडलो, थे इ बातनै मना भूलज्यो, क परबु की नजर्या म एक दिन झार बरस जंय्यां अर झार बरस एक दिन की जंय्यां ह।
बो ईस्बर नगरी दुत मेरूँ ओज्यु बोल्यो, “इ पोथी म जखी बाता होबाळी ह बानै लुखा मना क्युं क आ बाता को पूरो होबा को टेम सांकड़ैई ह।
ईसु सगळा मिनखाऊँ बोलै ह, “सुणो, म तावळोई आऊँ हूँ। अर सागै थारा करमा गेल थारै ताँई फळ ल्याऊँ हूँ।
ईसु जखो आ बाता को गुवा ह बो खेवै ह, “हाँ, म तावळोई आऊँ हूँ।” अंय्यांई होवै। ओ परबु ईसु, आ।
म तावळोई आबाळो हूँ। इ ताँई जोक्यु बी तेरै कनै ह बिनै थाम्यो राख जिऊँ कोई तेरो अजर-अमर जीवन को मुकट कोनी खोस सकै।