तो म्हराज गेला म मनै धोळै दोपारा घणो जोरको च्यानणो जखो आसमानऊँ आर्यो हो मेरै अर मेरै सागै जाबाळा क च्यारूमेर चमकतो दिख्यो। अर बो अत्तो जोरको हो की सूरज को च्यानणो बिकै आगै क्युंई कोनी हो।
बा सात तारा, जिनै तू मेरै दाया हात म देख्यो हो अर बा सात सोना का दिपदाना को भेद ओ ह क बे सात तारा बिस्वासी मंडळ्या का सात ईस्बर नगरी दुतानै दिखावै अर बे सात दिपदान सात बिस्वासी मंडळ्यानै दिखावै ह।
“सरदिस की बिस्वासी मंडळी का मुखियानै मांड। अ बाता बिकै कानिऊँ ह जिकै कनै परमेसर की सात आत्मा अर सात तारा हीं। म थारा करमानै जाणू हूँ। थे जिंदा तो बाजो हो पण हो मरेड़ा।