28 थे थारा बेरीयाऊँ कंय्यांई कोनी डरो ओ बा ताँई इ बात को सबूत ह क बे हार ज्यासी अर थे जीत ज्यास्यो, क्युं क आ जे परमेसर थानै देवै ह।
“थे बा मिनखाऊँ मना डरो जखा थारी कायानै नास कर सकीं हीं पण थारी आत्मानै नास कोनी कर सकीं। पण परमेसरऊँ डरो जखो थारी आत्मा अर काया दोन्यानै नरक म गेर'र नास कर सकै ह।
ईसु टुंडा मिनखऊँ बोल्यो, “मिनखा क मांय खड़्यो हो।”
अर सगळा मिनख परमेसर का छुटकारा का कामनै देखसी।’”
अर जद बो आसी जणा आ साबित करसी क पाप, धारमिक्ता अर परमेसर का न्याय क बारां म इ जगत का मिनख गळत ह।
थानै ओ जाणबो चाए की परमेसर को छुटकारो गैर-यहूदि मिनखा क कनै भेज्यो गयो ह। बे इ छुटकारा का समचारनै सुणसी।”
अर ज आपा बिकी ओलाद हां जणा परमेसर का वारिस अर मसी क सागै पाँतीवाळ बी हां, ज आपा बिकै सागै दुख म पाँतीवाळ हां जणा बिकै सागै मेमा म बी पाँतीवाळ हां।
अर आबी जाणो हो क थिसलूनिकी आबाऊँ पेल्या फलिपी म म्हें दुख उठाया अर बेजत कर्या गया। अर जद म्हें थिसलूनिकी म आया जणा अठै बी म्हारो खूब बिरोद होयो पण परमेसरऊँ अंय्यां की हिमत मिली क बिना डर थानै चोखो समचार सुणावां।
इ ताँई म्हें बेधड़क खेवां हां क, “परबु मेरी मदद करबाळो ह, म कोनी डरूँ; मिनख मेरो काँई बिगाड़ सकै ह?”
जखा दुख तनै भोगणा ह बाऊँ मना डर। क्युं क सेतान थारै मऊँ कयानै बिचासबा ताँई काळ-कोठड़ी म गेरसी अर थानै बठै दस दिना ताँई सताव भोगणो पड़सी। पण तू बिस्वास जोगो रेह्जे चाए तनै मोतई क्युं नइ आज्यावै। जणा म तनै तेरी जीत क रूप म अजर-अमर जीवन को मुकट देस्युँ।