फलिपी 1:15 - जीवन को च्यानणो (सेकावाटी नया नियम की पोथ्या)15-17 आ बात बी साची ह क, क्युंक ह जखा जळता-बळता अर राड़ करबा ताँई मसी को हेलो पाड़ीं हीं। बे सचा मनऊँ मसी को हेलो कोनी पाड़ै पण खुदकी गरज काडबा ताँई मसी को परचार कर मेरी केद की टेम मई बे मनै दुख देबो चावीं हीं, पण दुसरा भली मनस्याऊँ मसी को परचार करीं हीं, अ अंय्यां प्यार-परेमऊँ करै ह क्युंक अ जाणै ह क, परमेसर मनै चोखा समचारनै सबूत देर साबित करबा को काम दिओ ह। Faic an caibideil |
म डरूँ हूँ क, जद म थारै कनै आऊँ, जणा कदै अंय्यां नइ होवै क, जंय्यां म थानै देखबो चाऊँ हूँ, बिऊँ न्याराई दिखो। अर जंय्यांको थे मनै नइ देखबो चाओ हो, बिऊँ न्यारोई देखो। अर मनै ओ बी डर ह क, कदै थारै मांयनै आपसरी म राड़, एक दुसराऊँ बळबो, झाळ काडबो, मतलबीपुणो, बदनामी अर बेजती करबो, काना-फूसी अर हेकड़ोपूणो अर काम बिगाड़बो नइ देखूँ।