3 अर मेळमिलाप का बंदणऊँ पबितर आत्मा को एको राखबा ताँई जोक्यु कर सको बो करो।
ज कोई राजपाट म फूट पड़ज्या जणा बो राजपाट कंय्यां चाल सकै ह।
“अर इ टेम म थानै नयो हुकम देऊँ हूँ क एक दुसराऊँ प्यार-परेम राखो। जंय्यां को प्यार-परेम म थारूँ कर्यो, बंय्यांई आपसरी म थे बी करो।
जणा इब मेरा लाडला बिस्वास्यो, म आपणा परबु ईसु मसी क नाम म था सगळाऊँ अरदास करूं हूँ। जोक्यु थे बोलो बिपै सगळा एक मत होवो, जिऊँ थारै मांयनै फूट ना होवै। अर थारा बिचार अर इंछ्या एकई होवै।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, म आखीरक आ बोलां क सागै इ चिठीनै बंद करूं हूँ, राजी रेह्ओ, थारो भेवार बदलो, एक दुसरानै हिमत बंधाओ, स्यांती अर मेळमिलापऊँ रेह्ओ। जणा परमेसर जखो स्यांती अर परेम को दातार ह, बो थारै सागै रेह्सी।
जद ताँई आपा सगळा बिस्वास अर परमेसर का बेटा की जाण-पिछाण म एक नइ होज्यावां, अर पक्का मिनख बणर मसी का रूप म पूरा नइ बढ ज्यावां।
क्युं क एकई पबितर आत्मा ह अर आपा बिस्वासी एकई काया हां अर आपणी एकई आस ह जी ताँई परमेसर थानै बुलायो ह।
बाका कामा की बजेऊँ प्यार-परेम क सागै बानै बोळा आदरमान क जोगा जाण्या करो अर आपसरी म मेळमिलापऊँ रेह्ओ।
सगळा क सागै मेळमिलाप राखबा अर पबितर होबा ताँई हरेक जंय्यां कोसिस करो क्युं क बिना पबितरता क कदैई कोई परबुनै कोनी देख सकै।