जणा अंय्यां सगळा यहूदिआ, गलिल, अर सामरीया की बिस्वासी मंडळ्यानै स्यांती मिली। अर बिस्वास्या की बिस्वासी मंडळी मजबूत होती गई अर परमेसर का गुणगान करती गई। अर पबितर आत्मा का हियावऊँ गिणती म बढती गई अर परमेसर का डर म रेह्ती।
जणा मोटी बात आ ह क थारा जीवन की उठ बेठ खाली मसी का चोखा समचार जोगी होणी चाए; जिऊँ म थारै बारां म आई सुणू क थे एकई मकसद ताँई खड़्या हो अर एकई मनस्या राख'र चोखा समचारऊँ मिलेड़ा बिस्वास ताँई कड़ी मेनत करतार्यो हो, चाए म थानै आर देखूँ चाए नइ देखूँ,
जिऊँ थे परबु जंय्यां चावै ह बंय्यां जी सको अर हर बाता म सदाई परबु मसीनै राजी राख सको। थारै जीवन म भला कामा का फळ लागै अर थे परमेसर का ज्ञान म दिन-दिन बढता रह्यो।
बे मालिक क घर म चोरी-चकारी नइ करीं, पण पूरी तर्या चोखा अर बिस्वास जोगा बण्या रेह्वै जिऊँ आपानै बचाबाळा परमेसर क बारां म जखो सीखायो गयो ह हर कोई बिको मान करै।
ईस्बर नगरी का बुलावा म पाँतीवाळ ओ मेरा पबितर बिस्वासी भाईड़ो, थे थारो ध्यान बि परमेसर का भेजेड़ा ईसु प जखो म्हायाजक ह अर जिनै म्हें माना हां बिपै लगाओ।
इ ताँई, ए स्याणी इब, म तनै कोई नयो आदेस कोनी मांडर्यो पण बोई हुकम ओडाऊँ हूँ जखो जुगाद म दिओ गयो हो। म चाऊँ हूँ क आपा सगळा बिस्वासी एक दुसराऊँ परेम राखां।