पण आ सगळी बाता क होबाऊँ पेली हर कठै थानै मेरी बजेऊँ पकड़्यो अर सतायो जासी। थानै अरदास करबाळी झघा म सूप्यो जासी अर जेळ म बंद कर्यो जासी थानै राजा अर राज करबाळा क सामै लेर जासी।
पोलुस बोल्यो, “के थोड़ो टेम, के बोळो, पण म तो परमेसरऊँ आई अरदास करूं हूँ क थे अर जत्ता बी मनै आज अठै सुणी हीं बे जि साँकळाऊँ म बंदर्यो हूँ आनै छोडर बाकी बाता म मेरै जंय्यां का होज्यावै।”
बे मसी का दास हीं जणा म बावळा की जंय्यां खेऊँ हूँ, म बाऊँ बी बढर मसी को दास हूँ। म बाऊँ बेत्ती मेनत करी ह, बार-बार केद म गयो हूँ, अर बोळीबर कोड़ा खाया, बार-बार मोत को सामनो कर्यो हूँ।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, ज म सुन्नत को परचार करतो जणा म क्यु सतायो जातो? ज म सुन्नत करबा की खेतो जणा मसी क सुळी क बारां म जखो समचार म सुणायो हो बि ताँई मनै कोई परेसानी नइ होणी चाए ही।
थारै बारां म अंय्यां सोचबो मेर ताँई सई ह, क्युं क थे मेरा काळज्या म बसर्या हो। बि सोभाग म थे सगळा पाँतीवाळ हो जखो परमेसर मनै दिओ, चाएस म जद अब जेळ म हूँ अर नहिस जद म अजादिऊँ चोखा समचार क सच को सबूत देर बिनै पुक्ता करबा म लागर्यो हो।
अर म उमर म बी बडो हूँ अर अठै ताँई क म मसी ईसु का चोखा समचारनै सुणाबा की बजेऊँ जेळ म बंदि हूँ। पण आ सगळी बाता क वावजुद बी म तेरूँ परेमऊँ अरदास करूं हूँ,