21 स्याळाऊँ पेल्या-पेल्या आबा की पूरी-पूरी कोसिस करजे। इबलुस, पुदेंस, लिनुस, कलौदिआ अर सगळा बिस्वासी भाई तनै राजी-खुसी का समचार बोल्या ह।
ज कोई तेरै खिलापत म मुकदमो लेर आवै। अर तनै कचेरी म लेज्यावै जणा चोखो ओई ह क बिऊँ कचेरी म जाबाऊँ पेल्याई सुळजेटो करले। नहिस बो तनै पंच क कनै लेज्यासी। अर पंच तनै परधान क हाता म देदेसी। अर परधान तनै काळ-कोठड़ी म बंद कर देसी।
अर सगळा भाईड़ा कानिऊँ बी थानै नमस्कार, थे हात जोड़र एक दुसरा को सत्कार करो।
सगळा परमेसर का मिनख थानै नमस्कार मांडी हीं।
परमेसर का सगळा मिनख जखा खासकर रोमी समराट का महल म काम करबाळा हीं बाकै कानिऊँ बी थानै जे मसी की पुगै।
मेरै कनैऊँ जाती टेम का तेरा आसुआनै याद कर मेरै हिया म आ इंछ्या होवै क, म तनै देखूँ अर राजी होऊँ।
जद तू आवै जणा तरोआस का रेह्बाळा करपुस क घराऊँ मेरो चोळो, पोथ्या अर चमड़ा को पतर तो खासकर याद कर ल्याजे।
तावळोई मेरै कनै आबा की कोसिस कर,
जद म अरतिमास नहिस तुखीकुसनै तेरै कनै भेजूँ। अर बाकै पुगताई तू तावळ कर मेरै कनै निकुपुलिस नगरी म आज्याजे। क्युं क स्याळै-स्याळै म बठैई रेह्बा की मनस्या करी।
तेरी बिस्वासी भाण का टाबर-टिकर, थानै राजी-खुसी का समचार बोल्या हीं जानै परमेसर टाळ्यो।
म आ आस करूं हूँ क, म थारै कनै आर आमै-सामै बतळाऊँ।