कोईबी नोकर दो मालिका की सेवा एक सागै कोनी कर सकै, अंय्यां होसी तो एकऊँ तो बेर राखसी अर दुसराऊँ परेम, बो एक क सागै तो बफादार रेह्सी अर दुसरानै छोटो जाणसी। अंय्यांई थे परमेसर अर धन की सेवा एक सागै कोनी कर सको।”
जखा मिनख इ दुनिया म पिसाळा हीं बानै आदेस दे बे इपै गुमान नइ करै, पण बाकी आस, नास होबाळा धन की बजाय परमेसर म हो, जखो आपानै आपणा सुक ताँई सगळी चिजा देवै ह।