17 पबितर सास्तरऊँ परमेसर को भगत सगळा भला कामा म माहिर अर त्यार होज्यावै।
बठै याफा नगरी म तबिता नाम की एक बिस्वासी रिह्या करती ही जिनै यूनानी भासा म दोरकास खेवै ह जिको मतबल हिरणी होवै। बा बोळा चोखा-चोखा काम कर्या करती अर गरीबानै दान दिआ करती ही।
अर परमेसर थारी सगळी जुर्तानै पूरी करसी। जिऊँ भला काम करबा ताँई थारै कनै थारी जुर्तऊँ बेसी होसी।
आपा परमेसर की बणाएड़ी रचना हां अर मसी ईसुऊँ भला काम करबा ताँई आपानै रच्यो गयो ह, जानै परमेसर पेल्याऊँई आपणा ताँई त्यार कर्यो ह।
पण तू, जखो परमेसरनै मानबाळो ह, आ सगळी बाताऊँ दूर रेह्जे, पण धारमिक्ता, भगती, बिस्वास, परेम, थ्यावस अर दिनता म बण्यो रेह।
ज मिनख खुदनै बुरायाऊँ सुद करले जणा बो खास काम म आबाळो बणसी अर पबितर बणर खुदका मालिक परमेसर क काम आबाळो बणज्यावै ह। जिऊँ बो हर भला काम ताँई त्यार करेड़ो होसी।
बे खेवै ह, क म्हें परमेसरनै जाणा हां, पण बाका करम इ जोगा कोनी। बे सूगला अर बात नइ मानबाळा अर चोखा काम करबा क जोगा कोनी।
बो आपणा ताँई खुदकी ज्यान दे दिनी। जिऊँ बो आपानै सगळा पापऊँ बचावै अर आपानै सुद कर खुद ताँई अंय्यां का मिनख बणावै जखा भला काम करबा ताँई उतावळा रेह्वै।
तू मिनखानै याद दिवा क राज करबाळा अर परधाना को खयो मानी। अर हरतर्या का भला काम करबा ताँई त्यार रेह्वै।
आपानै ओ बी ध्यान राखबो चाए क एक दुसरानै परेम अर भला कामानै करबा ताँई कंय्यां हिमत दे सकां हां।