22 जुवानी की बुरी इंछ्याऊँ भाज अर जखा पबितर मनऊँ परबु को नाम लेवीं हीं बाकै सागै खुदनै धरम, बिस्वास, परेम अर मेळमिलाप क सागै संगरो राख।
अर बे बिपै भाठा बगाबा लागर्या हा बि टेमई बो परमेसरऊँ आ खेतो अरदास करबा लाग्यो, “ओ परबु ईसु मेरा पिराणानै थारै कनै बुलाल्यो।”
अर अठै बी ओ परधान याजकाऊँ अधिकार लेर तेरो नाम लेबाळानै गिरफदार करबा ताँई आयो ह।”
क्युं क परमेसर को राज खाबो-पीबो कोनी पण बो तो धारमिक्ता, स्यांती अर पबितर आत्माऊँ मिलबाळो सुक ह।
जणा, बा बाता म लाग्या रेह्ओ जखी स्यांतीनै बढावै ह अर एक दुसरा की आत्मिक बढोतरी म मदद करै ह।
जणा इब मेरा लाडला बिस्वास्यो, म आपणा परबु ईसु मसी क नाम म था सगळाऊँ अरदास करूं हूँ। जोक्यु थे बोलो बिपै सगळा एक मत होवो, जिऊँ थारै मांयनै फूट ना होवै। अर थारा बिचार अर इंछ्या एकई होवै।
कुरन्थी नगरी म परमेसर की बिस्वासी मंडळी का मिनखा अर बा सगळा क नाम मांडूँ हूँ, जखा परमेसर का मिनख होबा ताँई बुलाया गया हीं, जखा मसी ईसु क जरिए परमेसरऊँ जुड़ेड़ा हीं। अर बे सगळा जखा हर कठै रेह्र म्हारा अर आपणा सगळा का परबु ईसु मसी, को गुणगान करीं हीं।
ओ लाडलो मूरती पूजा मना करज्यो।
परेम का गेला प चालो, जणा पाछै आत्मिक बरदान पाबा की इंछ्या राखो, खासकर परमेसरऊँ आबाळा बोलां का समचार को हेलो पाड़बा को बरदान।
कुकरम मना करो। क्युं क इकै अलावा जत्ता बी पाप मिनख करै ह बो आपकी काया क बारनैऊँ करै। पण जखो मिनख कुकरम करै ह बो आपकी काया क सागै ही पाप करै ह।
अर परबु मेर प खूब दया करी, अर सागैई बो परेम अर बिस्वास जखो मसी ईसु म ह बो मनै मिल्यो।
इ आदेस को मकसद ओ ह क, सगळा बिस्वासी परेमऊँ भरज्यावै, जखो पबितर मनऊँ, साप अन्तर-आत्माऊँ अर बिना मिलावट का बिस्वासऊँ पैदा होवै ह।
जणा इब म चाऊँ हूँ क, हर कठै मोट्यार बिना झाळ भर्या अर बिना मनमुटाव कर्या, खुदका पबितर हातानै जो'ड़र अरदास करै।
तनै कोई क सामैई निचो नइ देखणो पड़ै क्युं क तू जवान ह, पण बोली-चाली, चाल-चलन, प्यार-परेम, बिस्वास अर खराई म तू बिस्वास्या क सामै नमूनो बणज्या।
पण तू, जखो परमेसरनै मानबाळो ह, आ सगळी बाताऊँ दूर रेह्जे, पण धारमिक्ता, भगती, बिस्वास, परेम, थ्यावस अर दिनता म बण्यो रेह।
सगळा क सागै मेळमिलाप राखबा अर पबितर होबा ताँई हरेक जंय्यां कोसिस करो क्युं क बिना पबितरता क कदैई कोई परबुनै कोनी देख सकै।
ओ लाडलो, म थानै हात जोड़र खेऊँ हूँ क, थे इ दुनिया म खुदनै परदेसी अर सरणारथी जाणर जीवन जीओ। अर पाप करबा की बुरी इंछ्याऊँ खुदनै बचार राखो, जखी थारै आत्मा क खिलाप लड़ै ह।
बुराई करबो छोडर भलाई करै, अर इ कोसिस म लाग्यो रेह्वै क मेळमिलापऊँ कंय्यां रेह्ऊँ।
मेरा लाडला, तू तो बुराई क गेलै नइ पण भलाई क गेलै चालजे। क्युं क जखो बी मिनख भलाई करै ह, बो परमेसर को ह। अर जखो बुराई करै ह बो परमेसरनै कोनी जाणै।