11 परमेसर मनै चोखा समचार को हेलो सुणाबा ताँई एक हलकारा, सीखाबाळा अर ईसु का भेजेड़ा चेला को काम दिओ ह।
पण परबु बिनै बोल्यो, “तू तो जा! क्युं क म इनै गैर-यहूदि, राजा-म्हराजा अर इजरायली मिनखा म मेरो नाम फेलाबा ताँई मेरो दास कर टाळ्यो हूँ।
के म अजाद कोनी हूँ? अर म भेजेड़ो चेलो कोनी के? के मनै आपणा परबु ईसु को दरसाव कोनी होयो? अर के थे बी परबु म मेरै काम की बजेऊँ कोनी हो?
अर बे नेम-कायदा का सास्तरी होबो चावीं, पण जखी बातानै बे बोलीं हीं अर जखी बाता प बे जोर देवै ह, बानै बे खुदई कोनी समजीं।
अर इ गुवाईनै गैर-यहूदि मिनखानै सुणाबा ताँई म एक सचा बिस्वास की सीख देबाळो अर ईसु को भेजेड़ो चेलो बणायो गयो हूँ। जिऊँ म बिस्वास का समचार अर सच को हेलो पाड़ सकूँ। म झूठो कोनी हूँ म सच बोलर्यो हूँ।