5 पण अ मिनख जाणबूजर भूल बेठ्या हीं क आसमान परमेसर का बचन क जरिए जुगादऊँ ह अर आ धरती पाणी मऊँ बणेड़ी ह अर पाणी मई मजबूत ह।
अर अठै ताँई बे परमेसरनै जाणबा को मोल कोनी जाण्या जणाई परमेसर बी बानै बाकी फालतु सोच प छोड दिओ, अर बे जखी नइ करनी चाए बे बाता करीं हीं।
सगळाऊँ पेल्या परमेसर क सागै मसी हो अर मसी की सक्तिऊँई सगळी चिजा बणी रेह्वै ह।
बिस्वासऊँई आपा आ जाणा हां क परमेसर का बोल बोलबाऊँ इ सरस्टि की रचना होई। इ ताँई जखो दिखै ह, बो दिखबाळी चिजाऊँ कोनी बण्यो।