4 बे बोलसी, “मसी क आबा का करेड़ा करार को काँई होयो? क्युं क आपणा बडका तो मरग्या। अर इब ताँई सक्यु अंय्यांई ह जंय्यांकी इ सरस्टि की सरूआत म हो।”
जद मिनख को बेटो ईस्बर नगरी दुता क सागै परम-पिता की मेमा म आसी जणा बो मिनखानै बाका कामा गेल फळ देसी।”
ईसु बाऊँ बोल्यो, “म थानै सची खेऊँ हूँ अठै खड़्या मिनखा मऊँ कई तो अंय्यां का हीं क बे जद ताँई मिनख का बेटानै बिका राज म आतो नइ देखलीं जद ताँई बे कोनी मरै।”
जठै क्युं मरेड़ो पड़्यो रेह्वै ह बठै गिरज कांवळा भेळा होवै ह।
पण जखो कुटिचर दास होवै ह। बो मन म आ सोचर क मेरा मालिकनै तो हाल आबा म टेम ह।
पण जद परमेसर आ सरस्टि बणायो हो जदऊँई बो बानै: ‘नर अर नारी कर बणायो हो।
बा दिना म अंय्यां को कळेस आसी जखो जुगाद म जद परमेसर इ दुनियानै रची जदऊँ लेर नइ तो हाल ताँई आयो अर नइ इकै पाछै कदै आसी।
पण ज बो दास मन म आ सोचर क मेरा मालिकनै तो हाल आबा म टेम ह, अर बो पीआ चरी कर दुसरा दास दास्यानै मारबा-कुटबा लागज्यावै।
इकै पाछै बो गोडावाणी पड़्यो अर जोरऊँ बोल्यो, “परबु ओ पाप आपै मना मंढो।” आ खेर बो पिराण तज दिआ।
थेई बताओ, आपणा परबु ईसु क सामै बिका आबा की टेम म्हारै ताँई म्हारी आस, खुसी अर बडाई को मुकट कूण होसी? बे थेई कोनी होस्यो के?
अर थानै परमेसर का न्याय का दिननै उडिकबो चाए। बो दिन तावळो आवै इकी थानै कोसिस करबो चाए। बि दिन आसमान आगऊँ बळ ज्यासी अर बाकी की चिजा पिघळ ज्यासी।
“लोदिकीया की बिस्वासी मंडळी का मुखियानै मांड। अ बाता बिकै कानिऊँ ह जखो परमेसर का हरेक वादा की जामनी ह, जखो बिस्वास जोगो, सचो गुवा अर परमेसर की सगळी सरस्टि प राज करबाळो ह।