लाडलो म तो घणोई चातो हो क, थानै बि छुटकारा क बारां म मांडूँ, जिका आपा बराबर का पाँतीवाळ हां। अर मनै अंय्यां बी लाग्यो क, म थानै अ बाता मांडर बढाओ द्युँ जिऊँ थे बिस्वास म बढता रेह्ओ, ओ बो बिस्वास ह जखो परमेसर का मिनखानै दिओ गयो ह।
थे तो बा बातानै जाणोई हो, पण म थानै ओज्यु याद दिलाबो चाऊँ हूँ, क परबु आपका मिनखानै मिसर देसऊँ निकाळर बचार ल्यायो हो। पण बा मिनखा मऊँ कई बिस्वासऊँ मुकरगा इ ताँई बोई बा मिनखानै नास कर दिओ जखा बिस्वासऊँ मुकरगा हा।