5 अर बा मिनखा म राड़ होवै ह जाकी मत्ती मारी गई ह, अर जखा सचऊँ दूर होगा हीं, बे सोचीं हीं क, परमेसर की सेवा धन कमाबा को सादन ह।
“थे जाणो हो ज थानै फळ खाणो ह तो थानै फळ कोई दरख्त लगाणो पड़सी, क्युं क हर दरख्त क खाबाळा फळ कोनी लागै। अर दरख्त आपका फळाऊँ पिछाण्यो जावै ह।
इकै पाछै बो बानै बोल्यो, “पबितर सास्तर म मंडर्यो ह: “‘मेरो मनदर अरदास करबा को घर खुवासी। पण थे इनै डाकूआ की खोळ बणा दि।’”
“हे कपट राखबाळो धरमसास्तर्यो अर फरिसीयो! थार प धिक्कार ह। थे लोगा का ईस्बर नगरी राज म जाबाळा गेलानै रोको हो। थे नइ तो खुद बि गेलै जाओ अर नइ लोगानै बि गेलै जाबा द्यो।
पण ज कोई मिनख जिदा-जादि करबो चावै जणा बो आ जाणले की इ रीत क अलावा नइ तो म्हारी अर नइ परमेसर की बिस्वासी मंडळी की ओर कोई रीत ह।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें थानै परबु ईसु मसी म ओ आदेस देवां हां क, हरेक अंय्यां का बिस्वासी भाईड़ाऊँ नाकैई रेह्ज्यो जखो कामऊँ जी चुरावै ह। अर जखी सीख म्हें बिनै दिनी ह बिकै गेल कोनी चालै।
क्युंक मिनख इ गेलानै छोडर बेकार की बाता म उळ्जगा हीं।
बो दारूड़ो नइ हो, मारपीट करबाळो नइ हो, पण दयाऊँ भरेड़ो अर स्यांतीऊँ रेह्बाळो होवै, बिको मो रिपीआ म नइ होवै।
बिस्वासी मंडळी का सेवक बी सचा अर ईज्जत हाळा होणा चाए; बे पिसा का भूखा अर घणी अँगूरी पीबाळा नइ हो;
पण खुदनै, नइ खेबा जोगी बा क्हाणी-कथाऊँ परै राख, जामै परमेसर कोनी पण खुदनै परमेसर की भगती म लगायो राख।
काया की कसरतऊँ तो चिनोसोई फाईदो होवै, पण परमेसर की भगती तो सगळी बाता म फाईदो करै ह। क्युं क आज अर आबाळा जीवन का सगळा आसिरबादा की जामनी भगती प टिकरी ह।
परमेसर की भगती म राजी रेह्बाळो, इ सच म अमीर ह।
बे धारमिक्ता को दिखाओ तो करी हीं, पण परमेसर की सक्तिनै कोनी मानी। अंय्यां का मिनखाऊँ खुदनै दूर राख।
अ सीखाबाळा यन्नेस अर यमबरनेस की जंय्यां ह, जखा मूसा को बिरोद कर्यो हो। बंय्यांई अ बी सच को बिरोद करी हीं। अ अंय्यां का सीखाबाळा हीं जाकी मती मरगी ह अर बे बिस्वास म कोनी बण्या रेह सकीं।
ओ जरूरी होगो ह क बाको मुंडो बंद कर्यो जाय। क्युं क बे पिसा कमाबा क चकरां म आपकी सीखऊँ घर-घरनै सई सीख प बिस्वास कोनी करबा दे।
अ सई गेलानै छोडर भटकगा हीं। अ मिनख बओर का छोरा बिलाम का गेला प चालीं हीं; बिलाम जिनै हराम की कमाई प्यारी ही।
अर बे लालची होबा की बजेऊँ थानै दिखावटी बाता बोलर थारूँ धन कमासी। अर बाकी सजा तो पेल्याऊँई परमेसर ते कर राखी ह। अर बाको नास बानै उडिकर्यो ह।
बापै स्यामत पड़सी! अ मिनख तो कैन की जंय्यांई बुराई का गेला प चालीं हीं, अर अ धन का लालच म बिलाम की जंय्यांई पाप करीं हीं। अ मिनख परमेसर क सामै होगा हीं जंय्यां कोरह होयो हो। जणा आ सगळी बाता बेई आको बी नास कर्यो जासी।
दाळ चीणी, गुलमेंदि, धूप, गंधरस, लोबान, अँगूरी, जेतून को तेल, मैदो, ग्युं, गाय, बैल, लल्डी, रथ घोड़ा। मिनखानै गुलाम बणाबा ताँई बी बेची ही।
क्युं क सगळा देस, बिका कुकरम की झाळ भरी अँगूरी पी। इ धरती का सगळा राजा बिकै सागै कुकरम कर्या , अर इ धरती का सगळा लेणदेण करबाळा, बिकी भोगबिलास की बजेऊँ पिसाळा होगा।”