म तनै परमेसर, मसी ईसु अर टाळेड़ा ईस्बर नगरी दुता की मोजूदगी म बोलुँ हूँ क, बिना कोईकी भीड़ लिये तू आ आदेसानै मानजै अर ख्यामई कोईकै सागैई भेद-भाव मना करजे।
बिस्वास की दोड़ म पूरी ज्यान लगार भाज। अर खुद ताँई अजर-अमर जीवन जीत, जि ताँई तनै परमेसर बुलायो हो, जद तू रोब क सागै तेरा बिस्वासनै बोळा सारका गुवा क सामै दिखायो हो।
“लोदिकीया की बिस्वासी मंडळी का मुखियानै मांड। अ बाता बिकै कानिऊँ ह जखो परमेसर का हरेक वादा की जामनी ह, जखो बिस्वास जोगो, सचो गुवा अर परमेसर की सगळी सरस्टि प राज करबाळो ह।