22 मिनखा क सीर प आसिरबाद देबा ताँई हात म्हेलर बानै परमेसर की सेवा म देबा ताँई तावळ मना करजे। दुसरा क पाप म सामिल मना होए, खुदनै पबितर बणायो राख।
जणा बे बरत अर अरदास कर बाकै माथा प हात म्हेलर बानै बिदा कर्या।
पण जद बे मिनख पोलुस को बिरोद अर बिकी बुराई करबा लागगा जणा बो आपको पल्लो झाड़ लिओ अर बोल्यो, “थारी करनी थेई पाओ! इमै मेरी कोई जुबाबदारी कोनी अर इबऊँ म गैर-यहूदि मिनखा क कनै जास्युं।”
इ ताँई म आज थानै गुवाई देर बोलुँ हूँ क ज थारै मालो कोईबी नास होसी बिकी मेरी जुबाबदारी कोनी।
अर आनै भेजेड़ा चेला क सामै लेज्यार खड़्या कर दिआ जणा बे बापै हात धर'र अरदास कर दिनी।
अर अँधकार का बुरा कामा म सामिल मना होवो जंय्यां मिनख करै ह इकी बजाय बानै बाका बुरा कामा ताँई चेताओ।
अ पेल्या बिचास्या जावीं अर ज आमै कोई एब नइ होवै जणाई आनै बिस्वासी मंडळी का सेवक की जंय्यां काम करबा द्यो।
एक बिस्वासी मंडळी का रूखाळा परधान म आँगळी टेकबा की झघा नइ हो, बिकै एकई लूगाई हो, खुदनै बस म राखबाळो, थ्यावस राखबाळो अर मरियादा म रेह्बाळो, बो आपकै घर म अणजाण की बी आवभगत करै, बो सीखाबा म निधान हो।
बो बिस्वास म पक्को होणो चाए, क्युं क कदै अंय्यां नइ होवै क, बो सेतान की जंय्यां गुमान कर सजा पावै।
तनै कोई क सामैई निचो नइ देखणो पड़ै क्युं क तू जवान ह, पण बोली-चाली, चाल-चलन, प्यार-परेम, बिस्वास अर खराई म तू बिस्वास्या क सामै नमूनो बणज्या।
तेरै मांयनै जखो आत्मिक बरदान ह जखो तनै बि टेम मिल्यो हो जद परमेसर की खेबाळा अर बिस्वासी मंडळी का मुखिया तेरा सीर प तनै आसिरबाद देबा ताँई हात मेहल्या हा, बि बरदान बई लापरवा मना हो।
जणाई म तनै याद दिआऊँ क, बि बरदाननै थाम्यो राख, जिनै परमेसर तनै बि टेम दिओ हो जद म तेर प हात धर्यो हो।
जखी बाता तू मेरूँ बोळा सारका गुवाई देबाळा की मोजूदगी म सुणी ह बा बातानै बिस्वास जोगा मिनखानै सूप दे, जखा दुसरानै सीखाबा जोगा हीं।
सुद होबा का रिती-रिवाजा की सीख, सीर प हात धरबो, मरेड़ा को ओज्यु जिबो अर आखरी न्याय।
क्युं क जखो मिनख बिकी आवभगत करै ह बो बिका बुरा करमा म सामिल होवै ह।
मनै ईस्बर नगरीऊँ एक ओर हेलो अंय्यां बोलता सुणाई दिओ, “ ‘मेरा मिनखो, इमैऊँ बारनै आज्याओ,’ जिऊँ थे इका पाप म सामिल नइ होवो, अर थे बिपै पड़बाळी बिपदाऊँ बचज्यावो।