2 अर अ सीख झूठा पाखंडी मिनखा की बजेऊँ फेलसी, जाकी अन्तर-आत्मा मरेड़ी ह।
क्युं क झूठा मसी अर झूठा परमेसर की खेबाळा आसी, बे सेलाणी-चमत्कार अर ताजूब का काम दिखासी। अर ज होयो तो बे टाळेड़ा मिनखानै बी छळबा की कोसिस करसी।
“थे बा परमेसर की खेबाळाऊँ बचर रेहज्यो जखा झूठ बोलै ह! बे लल्डी की खोळ म पाड़ खाबाळा ल्याळी हीं।
अर थारै मऊँ बी अंय्यां का मिनख खड़्या होसी जखा टेडी मेडी बाता बोलर बिस्वास्यानै आपकै गेल कर लेसी।
अर अठै ताँई बे परमेसरनै जाणबा को मोल कोनी जाण्या जणाई परमेसर बी बानै बाकी फालतु सोच प छोड दिओ, अर बे जखी नइ करनी चाए बे बाता करीं हीं।
क्युं क अंय्यां का मिनख आपणा परबु मसी की नइ पण आपकी इंछ्या की सेवा करीं हीं। अर अ आपकी मिठी-मिठी अर चापलुसी की बाताऊँ भोळा-भाळा मिनखा को हियो छळी हीं।
जिऊँ आपा टाबरपुणो नइ करां। जिऊँ आपा मिनखा का ठगपुणा अर चतराईऊँ अर बाकी भंगराबाळी सीख म आर इनै-बिनै भटकता नइ फिरां।
बाकी सगळी सरम-हया मरी पड़ी ह; बे खुदनै बुरी बाण म गेर राख्या हीं, अर सगळा लुचापुणा का काम बिना रोक-टोक करबा लागर्या हीं।
बे धारमिक्ता को दिखाओ तो करी हीं, पण परमेसर की सक्तिनै कोनी मानी। अंय्यां का मिनखाऊँ खुदनै दूर राख।
अ सेतानी ओपरी बलाय ही आकै मांयनै चमत्कार करबा की सक्ति ही। अ सगळा जगत का राजानै भेळा करबा ताँई चाल पड़ी जिऊँ अ सऊँ सक्तिसाली परमेसर का न्याय का दिन लड़ाई लड़ै।