12 तनै कोई क सामैई निचो नइ देखणो पड़ै क्युं क तू जवान ह, पण बोली-चाली, चाल-चलन, प्यार-परेम, बिस्वास अर खराई म तू बिस्वास्या क सामै नमूनो बणज्या।
“सुणो थे मेरो खयो मानबाळानै निचो मना जाणो क्युं क ईस्बर नगरी दुत थारो लेखो-जोखो मेरा परम-पितानै देवै ह।
म मसी की जंय्यां जीबा की कोसिस करूं हूँ, बंय्यांई थे बी करो।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, जखी बाता सची, आदरमान करबाळी, धारमिक, पबितर, प्यारी, सदगुण, चोखी, बडाई जोगी ह बा बाताऊँ थे थारी बुदीनै भरल्यो।
थे कळेस क बावजुद बी पबितर आत्मा का दियड़ा आनंद क सागै परमेसर का बचननै मानर म्हारी अर परबु की जंय्यां चालबाळा बणग्या।
थे खुद अर परमेसर इ बात का गुवा हो क थारै बिस्वास्या म म्हारो भेवार कंय्यां को पबितर, धारमिक अर बेदाग हो।
अर परबु मेर प खूब दया करी, अर सागैई बो परेम अर बिस्वास जखो मसी ईसु म ह बो मनै मिल्यो।
परमेसर की नजर्या म खुदनै काम करबाळो मिनख बणबा ताँई मेनत कर, जिऊँ तनै सरमिन्दो नइ होणो पड़ै, पण परमेसर क सच का बचनानै सई-सई सीखावै।
जुवानी की बुरी इंछ्याऊँ भाज अर जखा पबितर मनऊँ परबु को नाम लेवीं हीं बाकै सागै खुदनै धरम, बिस्वास, परेम अर मेळमिलाप क सागै संगरो राख।
जोक्यु म बोलुँ हूँ बिपै गोर धर, क्युं क परबु तनै सगळी बातानै समजबा की बुदी देसी।
तू अ सगळी बाता अधिकार क सागै तेरा सुणबाळानै सीखा, जुर्त पड़ै तो बाकै दकाल लगा अर जुर्त पड़ै तो हिमत बंधा। कोईकै सामैई तनै निचो नइ देखणो पड़ै।
तू खुद बोई कर जखो चोखो ह, जिऊँ दुसरानै बेरो पड़ै की बानै कंय्यां को बरताव करबो चाए। तू तेरी सीख म ईमानदार अर खरो बण्यो रेह।
थार म स्याणो अर समजदार कूण ह? अर ज कोई अंय्यां को ह जणा बो आनै आपका चोखा जीवनऊँ, नरमाई अर बुदीऊँ भर्या कामाऊँ दिखावै।
पण जखी बुदी ईस्बर नगरीऊँ आवै ह बा सऊँ पेली तो पबितर होवै अर बिकै पाछै स्यांतीऊँ भरेड़ी, नरमाईऊँ भरेड़ी, बात मानबाळी, अपरम्पार दयाऊँ भरेड़ी, चोखा कामाऊँ भरेड़ी, दोगलोपुणो नइ करबाळी अर खरी होवै ह।
अर जखी बिस्वासी मंडळी थारी देखरेख म ह बिपै जोर मना जमायो। पण बा ताँई सीख बणो।