पण ज मेरै आबा म मोड़ो होवै जणा इ चिठीऊँ जाण ज्याए क, आपणा परमेसर को कूणबो जखो जीवता परमेसर की बिस्वासी मंडळी आ सचाई की निम अर खम्बो ह, बिकै सागै आपानै कंय्यां को बरताव करबो चाए।
थानै मांडबा ताँई तो मेरै कनै ओर बी बोळो क्युं ह, पण म बानै कागद प स्याईऊँ मांडबो कोनी चाऊँ। इकै बदलै म आ आस करूं हूँ क म थारै कनै आर आमै-सामै बतळाऊँ जिऊँ क आपा राजी होवां।