एक बिस्वासी मंडळी का रूखाळा परधान म आँगळी टेकबा की झघा नइ हो, बिकै एकई लूगाई हो, खुदनै बस म राखबाळो, थ्यावस राखबाळो अर मरियादा म रेह्बाळो, बो आपकै घर म अणजाण की बी आवभगत करै, बो सीखाबा म निधान हो।
अंय्यांई बूडी-ठेरी लूगायानै बी सीखा क बे पबितर मिनखा की जंय्यां बरताव करबाळी हो। बे चुगली-चाळा करबाळी नइ हो अर नइ बामै पीबा की लत हो। पण बे चोखी सीख देबाळी हो।