10 अ पेल्या बिचास्या जावीं अर ज आमै कोई एब नइ होवै जणाई आनै बिस्वासी मंडळी का सेवक की जंय्यां काम करबा द्यो।
परबु ईसु मसी थानै आखीर ताँई मजबूत बणायो राखसी, जिऊँ थे आपणा परबु ईसु मसी क ओज्यु आबा का दिन म न्यायऊँ बच ज्याओ।
पण इब, हाड-मास की काया म बिकी मोतऊँ परमेसर थारूँ बी मेळमिलाप कर लिओ। जिऊँ थानै पबितर, बिना कळंक अर निरदोस बणार आपकै सामै लेर आवै।
बे सेवक जखा खुदको काम सूल करीं हीं बे खुद ताँई चोखी झघा अर बी बिस्वास म जखो मसी ईसु प ह, हिमत का धणी होसी।
एक बिस्वासी मंडळी का रूखाळा परधान म आँगळी टेकबा की झघा नइ हो, बिकै एकई लूगाई हो, खुदनै बस म राखबाळो, थ्यावस राखबाळो अर मरियादा म रेह्बाळो, बो आपकै घर म अणजाण की बी आवभगत करै, बो सीखाबा म निधान हो।
बो बिस्वास म पक्को होणो चाए, क्युं क कदै अंय्यां नइ होवै क, बो सेतान की जंय्यां गुमान कर सजा पावै।
मिनखा क सीर प आसिरबाद देबा ताँई हात म्हेलर बानै परमेसर की सेवा म देबा ताँई तावळ मना करजे। दुसरा क पाप म सामिल मना होए, खुदनै पबितर बणायो राख।
लाडलो, हरेक मिनख की बाता को बिस्वास मना करो जखो खेवै ह क, म, आत्माऊँ बोलुँ हूँ। पण सदाई बाकी आत्मानै परखो अर देखो क बामै परमेसर ह क कोनी। म थारूँ अंय्यां इ ताँई खेर्यो हूँ, क्युं क इ दुनिया म बोळा झूठा परमेसर की खेबाळा घुमर्या हीं।