म ईसु मसीऊँ भेजेड़ो चेलो, परमेसर को दास पोलुस आ चिठी तितूस तनै मांडूँ हूँ। म परमेसर का टाळेड़ा मिनखानै बिस्वास म बढाबा भेज्यो गयो हूँ। जिऊँ बे सचनै जाणर पबितर जीवन जीवै।
इकै पाछै म एक ओर ईस्बर नगरी दुतनै आसमान क बिचमै उडता देख्यो। बिकन धरती प रेह्बाळा सगळा कूणबा का मिनखा, सगळा देसा, सगळी बोली बोलबाळा अर सगळा कुल का मिनखानै सुणाबा ताँई जुग-जुग ताँई को चोखो समचार हो।