जिऊँ थे परबु जंय्यां चावै ह बंय्यां जी सको अर हर बाता म सदाई परबु मसीनै राजी राख सको। थारै जीवन म भला कामा का फळ लागै अर थे परमेसर का ज्ञान म दिन-दिन बढता रह्यो।
पण ज थे बुरा काम की बजेऊँ लात घूसा खार क्युंई कोनी बोलो जणा इमै कूणसी बडाई की बात ह? पण ज भला काम करबा की बजेऊँ सक्यु सेर बी क्युंई कोनी बोलो, जणा आ बात परमेसर क सामै बडाई हाळी ह।
जणा इब थे बी जीवता भाठा की जंय्यां हो, जाऊँ परमेसर आपको आत्मिक घर बणार्यो ह। थे पबितर याजक बी हो, जखा आपका आत्मिक चढावानै ईसु मसी क जरिए परमेसरनै राजी करबा ताँई चढाओ हो।