15 इकै बावजुद बी लूगाया टाबर जामर बचसी, अर बानै चाए क, बे थ्यावस क सागै बिस्वास, परेम अर पबितरता म मजबूत रेह्वै।
अर बिकै पेलीपोत को छोरो होयो जिनै बा गाबा म लपेटर ल्हास म सुवायो क्युं क बानै रेह्बा की झघा कोनी मिली।
अर काया का बे अंग जखा बेत्ती आदर जोगा कोनी बाकी आपा देखभाळ करां हां। अर बा अंगानै जखा दिखाबा जोगा कोनी बानै ढकर राखां हां।
अर परबु मेर प खूब दया करी, अर सागैई बो परेम अर बिस्वास जखो मसी ईसु म ह बो मनै मिल्यो।
इ आदेस को मकसद ओ ह क, सगळा बिस्वासी परेमऊँ भरज्यावै, जखो पबितर मनऊँ, साप अन्तर-आत्माऊँ अर बिना मिलावट का बिस्वासऊँ पैदा होवै ह।
अर ठिक बंय्यांई म भाण-बेट्याऊँ बोलुँ हूँ क, सरम लाज अर थ्यावस क सागै सिदा-सादा पेराणऊँ खुदनै सुवांरीं, चोटी बणार सोना अर मोत्या अर मेंगा गाबाऊँ नइ,
आ दया सीखावै ह क आपा बि जीवननै जिमै परमेसर कोनी अर दुनियादारी की बुरी इंछ्यानै छोडर इ जुग म खुद क बस म रेह्बाळो, खराईऊँ भर्यो जीवन जीवां जिमै परमेसर ह,
बा घड़ी सांकड़ैई ह जद सक्यु नास होज्यासी। इ ताँई स्याणा बणो अर खुदनै बस म राखो जिऊँ थानै अरदास करबा म मदद मिलै।