10 अंय्यां की भाण-बेटी जखी खुदनै परमेसर की भगत मानी हीं बा ताँई ओई चोखो ह क, बे खुदनै भला कामाऊँ सुवांरी।
बठै याफा नगरी म तबिता नाम की एक बिस्वासी रिह्या करती ही जिनै यूनानी भासा म दोरकास खेवै ह जिको मतबल हिरणी होवै। बा बोळा चोखा-चोखा काम कर्या करती अर गरीबानै दान दिआ करती ही।
जणा पतरस त्यार होर बाकै सागै होलिओ अर बिकै बठै पुगताई बे बिनै चोबारा म लेग्या अर बे सगळी खाली होईड़ी बार घालती पतरस क च्यारूमेर खड़ी होगी अर बिनै बे कुर्ता अर गाबा दिखाबा लागगी जखा दोरकास जीता जी बणाई ही।
आपा परमेसर की बणाएड़ी रचना हां अर मसी ईसुऊँ भला काम करबा ताँई आपानै रच्यो गयो ह, जानै परमेसर पेल्याऊँई आपणा ताँई त्यार कर्यो ह।
लूगाईनै चुपचाली रेह्र सूल कह्या म चालर, सीख लेणी चाए।
अर ठिक बंय्यांई म भाण-बेट्याऊँ बोलुँ हूँ क, सरम लाज अर थ्यावस क सागै सिदा-सादा पेराणऊँ खुदनै सुवांरीं, चोटी बणार सोना अर मोत्या अर मेंगा गाबाऊँ नइ,
बो आपणा ताँई खुदकी ज्यान दे दिनी। जिऊँ बो आपानै सगळा पापऊँ बचावै अर आपानै सुद कर खुद ताँई अंय्यां का मिनख बणावै जखा भला काम करबा ताँई उतावळा रेह्वै।
आ बिस्वास जोगी बात ह। म चाऊँ हूँ क आ मामला म तू खास जोर देर बोलै जिऊँ परमेसर प बिस्वास राखबाळा, भला काम करीं, जखा सकै काम का अर चोखा हीं।
परमेसरनै नइ ध्यारबाळा मिनख थानै बुरा बतावीं हीं। इकै वावजुद बी बाकै मांयनै थारो बरताव अर चाल-चलन चोखो राखो। जिऊँ जखी चोखी बाता बे थारै म देखसी बा बेई बे न्यायहाळा दिन परमेसर की मेमा करसी।
जदकी अ सगळी चिजा नास होबाळी ह जणा पाछै थे सोचो थारो परमेसर म चाल-चलन किसोक होणो चाए? थानै पबितर जीवन जिबो चाए।
म तेरै करमानै, बिस्वासनै, परेमनै, तेरी सेवानै अर तेरा थ्यावसनै जाणू हूँ। अर म आ बी जाणू हूँ क तू इब आ बातानै ओर बी बेत्ती करै ह।