4 पण भाईड़ो, थे तो अँधकार म कोनी जिर्या, क परबु क ओज्यु आबो को दिन थार प चोर की जंय्यां चाणचुक आवै।
म थारूँ सची खेऊँ हूँ जद न्याय होसी, बि दिन बि नगरी की दसा सदोम अर अमोरा नगरीऊँ बी बेकार होसी।
“इ ताँई चेता म रेह्वो, कदै अंय्यां नइ होज्या क थे तो लाग्या रेह्वो पीबा-खाबा अर आटा चून की चिंत्या म अर बो दिन थार प फंदा की जंय्यां आ पड़ै।
जिऊँ तू बाकी आँख्या खोलै अर बानै अँधेराऊँ च्यानणा म अर सेतान की सक्तिऊँ परमेसर कानि ल्यावै, अर मेर प बिस्वास करबाऊँ बानै पापऊँ माफी मिलसी अर जखी बापोत मेरा टाळेड़ा मिनखा ताँई ह बिमै बाको बी हिस्सो होसी।’
परमेसर आपणानै अँधकार की सक्तिऊँ छुटार आपका लाडला बेटा क राज म बाड़्यो ह।
क्युं क थे खुद, इ बातनै सूल जाणो हो क, परबु क ओज्यु आबा को दिन बंय्यां आसी जंय्यां रात म चाणचुक चोर आवै ह।
परबु क ओज्यु आबा को दिन चोर की जंय्यां चाणचुक आज्यासी। बि दिन आसमान जोरऊँ गरजसी अर बो सुजसी कोनी। अर आसमान म जत्ता बी गरह ह बे तपर पिघळ ज्यासी, अर आ धरती अर इपै जोक्यु बी ह बो सक्यु बळ ज्यासी।
म थानै एक ओर नयो आदेस मांडूँ हूँ। इकी सचाई मसी का जीवन म अर थारा जीवन म परगट होई ह। क्युं क अँधेरो मिटर्यो ह अर सचो च्यानणो चमकबा लागगो ह।
“चेता म रेह्वो, क्युं क म चोर की जंय्यां चाणचुक आऊँ हूँ! भागहाळा हीं बे जखा जागता रेह्वै ह, अर आपका गाबानै समाळै ह, जिऊँ बे सरमा नइ मरै।”
इ ताँई, जि सीखनै थे सुण्या हा बानै याद करो अर तौबा करो अर बि सीख क गेल चालो। अर ज तू अंय्यां कोनी करसी जणा म चोर की जंय्यां चाणचुक तेरै कनै आज्यास्युं अर तनै बेरो कोनी पड़बा देस्युँ।